Madhu varma

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लेखनी कविता - छोटा भैया - बालस्वरूप राही

छोटा भैया / बालस्वरूप राही


मेरा नन्हा-मुन्ना भैया
नहीं किसी से डरता है
ताली अगर बजता हूँ मैं
आंखे मीच-मिच करता है।

मम्मी उसे बैठा गोदी में।
नंगा कर नहलाती है।
बुद्धू नहीं जानता ऐसे
'शेम-शेम' हो जाती है।

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